ऋण मुक्ति

गुरुशक्तिधाम  के  लिए , आश्रम  के  लिए  आत्मा  कुछ  करना  चाहती  है  ताकि  वो  सद्गुरू  के  ऋण  से  मुक्त  हो  सके  क्योकि  एक  भी  ऋण  रहा , एक  भी  भोग  या  एक  भी  उपभोग  बाकी  रह  गया  तो  उसके  लिए  आत्मा  को  फिर  से  जन्म  लेना  पड़ेगा । और  वो  जन्म  नही  लेना  है । हमे  केवल  और  केवल  मोक्ष  प्राप्त  करना  है । मोक्षप्राप्ति  के  मार्ग  पर  कोई  भी  अड़चन  नही  आएंगी  ये  सद्गुरू  का  वचन  है । इसके  लिए , इस  गुरु [ आत्मा ] को  इस  साधन [ शरीर ] पर  अपना संपूर्ण  नियंत्रण  रखना  होगा । अर्थात  आत्मा  के  सानिध्य  मे  रहना  होगा । जो  रहेंगे  वो  तरेंगे ;जो  नही  रहेंगे , वो  भटकेंगे ।

वंदनीय पूज्या गुरुमाँ
गुरुपूर्णिमा 2017
पुनडी , कच्छ.

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