शरीर बुढ़ापे में कमजोर हो जाता है

जब शरीर बुढ़ापे में कमजोर हो जाता है , तब तो विचारों नियंत्रण करना अत्यंत कठीण हो जाते है। क्योंकि कार्यक्षमता कम हो जाती है। विचारों का कार्य के साथ संबंध होता है। जो कार्यरत्त होता है , उस विचार नहीं आते। जो खाली बैठे रहता है, उसे ही विचार आते हैं। बूढें लोग कार्यरत नहीं रहते इसीलिए उन्हें अधिक विचार आते हैं।

भाग- ६

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