बच्चे का माँ के साथ नाल का संबंध

" बच्चे का माँ के साथ नाल का संबंध होता है,इसलिए प्रत्येक बच्चे के मन में अपने माँ के प्रति  एक प्रकार का लगाव  होता ही है।जितना माँ के प्रति होता है,उतना पिता के प्रति नहीं होता है। और यह लगाव आजन्म रहता ही है।और अपने जीवनकाल में माँ को दी हुई तकलीफ  माँ की मृत्यु  के बाद बहुत  बड़ा पाप बनकर सामने आती है और मनुष्य आत्मग्लानि करता है।ऐसे का ऐसा ही हमने गुरुजी के साथ किया।गुरुजी तो तुम्हारी आत्मा की माँ थे,उनसे तो आत्मा से संबंध जुड़ा था।और उनके देहत्याग करने के बाद जो क्षति हुई है,उसे हम संपूर्ण जन्म भी नहीं भूल सकते हैं। उनके साथ बिताए अच्छे क्षण उतने याद नहीं लेकिन हमने जो झगड़ा कर उनको तकलीफ पहुँचाई , वह बार-बार याद आ रही है। अपने कर्मों पर ही ग्लानि होती है।और यह सब उनके समाधिस्थ होने के बाद ही जाना।"हम सभी ने इस पर सहमति में गर्दन हिलाई क्योंकि हम सभी की भावनाएँ भी कुछ वैसी ही थीं यानी हम भी अपने गुरुजी को जीवनभर नहीं भूल सकते थे। बाद में रात के समय सभी वहीं सो गए।...

हि.स.यो-४               
पु-३८८

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