ध्यान
तुम . .तुम ध्यान के अंदर नियमीत ध्यान करो । आधा घंटा ध्यान करना ये सबके इसकी दवा है । ध्यान लगे या न लगे ये आपका क्षेत्र नही है । देखो , अपेक्षा से साधना अशुद्ध होती है । कोई भी अपेक्षा से साधना करोगे उसकी शुद्धि चली जएगी । औऱ फिर सक्सेस [सफलता ] भी चला जाएगा ।
परमपूज्य स्वामीजी
समाधान [म.चैतन्य]
न .दी .2016
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