अनुभूती

         अभी अहमदाबाद में अशरफीबाबा की दरगाह पर ध्यान किया। सहस्त्रार पर चित्त टिका रहा, वरना तो इधर उधर भागता है आजकल पुरे गुरुशक्तिधाम जैसी ऊर्जा महसूस हुई। परिवार के साथ थी तो प्रार्थना की, बाबा समाधिस्थ गुरु से ही जीवंत सद्गुरु तक पहुँच सकते है, मेरा परिवार बाबास्वामी को पहचान सके, एसी कृपा करना। और बहुत अच्छी ऊर्जा से कंपकंपी हुई। पहले दाहिनी ओर से उर्जा उपर गई बाद में मध्यनाडी पर ऊर्जा नीचे से ऊपर बहने लगी। उठने का मन ही नहीं हो रहा था। आप सबको शायद नही पता, मैंने मुस्लिम परिवार में शादी की है। मेरे ससुरजी के जीवंत सद्गुरु अशरफीबाबा थे वो उनके साथ हंमेशा होते  है |

    जो गुरुमार्गी परिवार था इसलिए ही समर्पण से जुड सकी, समाधिस्थ गुरु से ही रास्ता मिला। और जब समर्पण से जुडी तब समाधिस्थ गुरु की ऊर्जा महसूस कर पाई। वरना पहले एसी कोई अनुभूति महसूस नहीं कर सकती थी।

डॉ.धरा जादव

        

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