आत्मा
जो शरीर आत्मा के अस्तित्व का स्वीकार ही नही करता तो आत्मा की अनुभूति उस शरीर को कभी हो ही नही सकती है । आत्मा के अस्तित्व को मानने की प्रक्रिया ही ध्यान है ।
परम पूज्य स्वामीजी
ही.स.योग.5/337
जो शरीर आत्मा के अस्तित्व का स्वीकार ही नही करता तो आत्मा की अनुभूति उस शरीर को कभी हो ही नही सकती है । आत्मा के अस्तित्व को मानने की प्रक्रिया ही ध्यान है ।
परम पूज्य स्वामीजी
ही.स.योग.5/337
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