12 सालो की ध्यानसाधना
चित्त को पवित्र करने मे 12 सालो की ध्यानसाधना करनी होती है। यह क्षणभर मे संभव नही है । जो चित्त क्षणभर मे पवित्र हुआ, वह क्षणभर मे दूषीत भी हो सकता है। वह अस्थायी स्वभाव का है, स्थायी पवित्रता आत्मा की पवित्रता है जो एक बडी ध्यानसाधना से ही संभव होती है। एक बार चित्त की पवित्रता का दीपक जल जाये, तो फीर उस दीपक की लौ के सान्निध्य मे अनेक दीपक जल उठ सकते है ।
HSY part 2
Pg.65/66
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