स्त्री का सब से अच्छा रूप "माँ "का होता है ।
स्त्री का सब से अच्छा रूप "माँ "का होता है । अगर स्त्रियों के प्रति तुम्हारे मन में वैसा ही पवित्र भाव है जैसा "माँ " के लिए होता है , तो तुम्हारे आसपास कितनी स्त्रिया रहती है , उससे कोई अंतर नही पड़ता ।
ही .का .स .योग
भाग ३
Comments
Post a Comment