प्रार्थना

जो  भी  प्रार्थना  करते  हो  ,वो  दूसरों  के  लिए  करो। और  आप  इतने  अच्छे  रहो  की  आपके  लिए  लोग  प्रार्थना  करे।

[ वंदनिय गुरुमाँ ]

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