उपासना पध्दति श्रेष्ठ है या ध्यान श्रेष्ठ है?
एक दिन सुबह -सुबह मैने सूर्य के दर्शन किए और सूर्यदेव को ही नमस्कार करके मैने मेरे गुरूदेव को याद किया और प्रार्थना की "गुरूदेव, मेरा मन बडी दुविधा मे है। कुछ मागॅ बताइए -उपासना पध्दति श्रेष्ठ है या ध्यान श्रेष्ठ है? बडी असमंजस की स्थिति है । आगे का मार्ग नही दीख रहा है ।" सूरज की पहली किरण के साथ मुझे उत्तर आया, ।"जो दिख रहा है, उसमे उत्तर मत खोज। जो अनुभव हो रहा है, उसमे उत्तर है। अनुभव कर!यह अनुभव आध्यात्मिक क्षेत्र की प्रगति की पादान है ।"
Hksy part 2
pg 53
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