समर्पण ध्यान
गुरु आज्ञा से स्वामीजी उस ध्यान पद्धति को समाज में लाए । गुरुओं के प्रति समर्पण भाव के कारण ही गुरुदेव इस ध्यान पद्धति को जान सके अत: इसका नाम रखा गया -- "समर्पण ध्यान " विश्व का प्रत्तेक मानव आत्मा के पूर्ण समर्पण द्वारा इस ध्यान के ज्ञान को प्राप्त कर सकता है ।
सहधर्मचारिणि
गुरु माँ
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