नियमित ध्यान करो

नियमित  ध्यान  करो । ध्यान  करने  से , जैसे  मेरे  भाव  है , जो  मेरी  स्थिति  है , वो  आपको  खुद -ब -खुद  प्राप्त  हो  जाएगी । तो  मेरेको  भी  इस  सब  से  कोई  तकलीफ  नही  होती ; मै  भी  सब  के  बीच  रहके  कार्य  कर  सकता  हूँ ; आप  भी  सब  के  बीच  में  कार्य  कर  सकते  है । कमल  को  गुरु  बनाओ । कमल  को  देखा  है , खूब  कीचड़  के  अंदर  वो  खिलता  है । याने  कीचड़  से  संबंध  नही  तोडता , कीचड़  से  रिलेशन  नही  तोडता । कीचड़  के  ऊपर  बाहर  जाके  वो  खिलता  है ।  ठीक  उसी  प्रकार  से  अपने  फॅमिली  से , अपने  समाज  से , सब  से  संबंध  जोड़े  रखो ; लेकिन  किसी  में  भी  मत  रहो । कमल  सरिके  स्वच्छ , पवित्र  हो  करके  खिले  रहो ।

        पूज्य गुरुदेव
         गुरुपुर्णिमा
            २०१०

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