जब जागो तब सबेरा

वर्तमान  में  रह  कर ही  प्रगती  की  जा सकती  है  । 'जब  जागो  तब  सबेरा  ' ऐसी  कहावत  है । तो  आओ  ,आज  जागे  है  तो  आज  से  ही सही ....आध्यात्मिक  उन्नति की और  एक -एक  कदम  मजबुतीसे  बढाये.......बढ़ते  ही  जाये ।.

गुरु  माँ

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