आत्मारुपी बाती
ये जो देहरूपि दिया है न , इसके अंदर आत्मारुपी बाती है और इसको प्रकाशित करने के लिए , इसको जागृत करने के लिए , इसकी जागृति होने के लिए जन्मो - जन्मो तक तपश्चर्या करना पड़ती है ।
पूज्य गुरुदेव
ये जो देहरूपि दिया है न , इसके अंदर आत्मारुपी बाती है और इसको प्रकाशित करने के लिए , इसको जागृत करने के लिए , इसकी जागृति होने के लिए जन्मो - जन्मो तक तपश्चर्या करना पड़ती है ।
पूज्य गुरुदेव
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