भाव

पू .स्वामीजी  को  गुरुदेव  ने  कहा  था  की , जिस  तरह  से  शुद्ध  पानी  में  कोई  रंग  डाला  जाए  तो  वह  रंग  को  आगे  करता  है ; ठीक  उसी  तरह  मंत्र  भाव  को  आगे  करता  है । जिस  भाव  से  मंत्र  का  उच्चारण  किया  जाता  है  वह  वही  भाव  का  प्रतिनिधित्व  करता  है । मंत्र  में  भाव  बहुत  महत्वपूर्ण  होता  है ।

   संदर्भ :--
  " यंत्र का विज्ञान "
   मधूचैतन्य --
   जुलै २०१०
   डॉ .पारस भट्ट

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