गुरुसेवा सर्वश्रेष्ठ पुन्यकर्म है
सदगुरु के लिए किया गया "गूरूकार्य " ही वह पुण्यकर्म है जो आपको लाखों आत्माओं की सेवा का अवसर प्रदान करता है । लाखों आत्माओं की सेवा करने का "सौभाग्य " जब आपको प्राप्त हो तभी एक सदगुरु की सेवा करने का अवसर प्राप्त होता है क्योंकि आप गुरुसेवा करके एक आत्मा से लाखों आत्माओं तक पहुँचते है । "गुरुसेवा " सर्वश्रेष्ठ पुन्यकर्म है , यह मै मेरे अनुभव के आधार पर कह रहा हूँ ।
परमपूज्य गुरुदेव
ही .का .स .योग .
भाग -५-- ३१
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