प्रत्तेक  साधक  में  गुरुशक्तियों  के  साधना  संस्कार  का  एक  बीज  स्थापित  किया  है

पूज्य  गुरुदेव  ने  प्रत्तेक  साधक  में  गुरुशक्तियों  के  साधना  संस्कार  का  एक  बीज  स्थापित  किया  है । जब  साधक  नियमित  ध्यान  साधना  करता  है , तब  वह  गुरुशक्तियों  के  सूक्ष्म  स्वरूप  को  स्वयं  के  भीतर  विकसित  करता  होता  है । गुरुशक्तियों  का  वह  स्वरूप  साधक  का  निजी  होता  है । वह  सूक्ष्म  स्वरूप  ही  उस  साधक  को  संस्कारित  करता  है , साधक  को  सुरक्षा  कवच  प्रदान  करता  है ।

   पूज्या गुरुमाँ

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