मृत्यु से डरो भी मत और मृत्यु को भूलो भी मत
कहते है न कि मृत्यु से डरो भी मत और मृत्यु को भूलो भी मत क्यूँकि वह भी प्रकृतिचक्र का ही एक भाग है। जो जन्मा है, वह मरेगा ही, यह तो तय है।
HSY 4 pg 184
कहते है न कि मृत्यु से डरो भी मत और मृत्यु को भूलो भी मत क्यूँकि वह भी प्रकृतिचक्र का ही एक भाग है। जो जन्मा है, वह मरेगा ही, यह तो तय है।
HSY 4 pg 184
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