नीसर्ग का गुण

१] निसर्ग का पहला गुण है "निर्विचारिता "।..मनुष्य जैसे जैसे निसर्ग से समरस होता है , वैसे -वैसे निसर्ग मनुष्य के शरीर का विचार रूपी कचरा पहले दूर करता है । 

२] निसर्ग का दूसरा गुण है "समानता "।..निसर्ग किसी के साथ भी भेदभाव नही करता है । निसर्ग मनुष्य को केवल मनुष्य ही मानता है । 

३] नीसर्ग का तीसरा गुण है - अपनी एक निश्चित सीमा में ही रहना । इसको इस तरह से समझा जा सकता है --एक पानीका झरना है । वह एक निश्चित स्थान पर ही बहेगा । 

४] निसर्ग का चौथा गुण है -- शक्तियों का विकेंद्रीकरण । निसर्ग के पास जो भी शक्तियाँ विद्यमान होती है , निसर्ग सदैव वह बाँटते रहता है ;शक्तियाँ अपने पास नही रखता । . . . . . . 

 बाबा स्वामी 
आत्मेश्वर

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