मैं गुरु से जुड़ा हूआ हूं। इसलिए मेरा तो तूफान से बाल बांका भी नहीं हो सकता।

ड़ा बाहर आया और आपकी राह देखते बैठा हूं। आपके छोटे-छोटे बच्चों ने भी आप पर विश्वास किया और मैंने नहीं। मैंने उसका हाथ पकड़ कर उसे समझाते हुए कहा कि ,"मैं भी गुरुमार्गी ही हूं। और मेरा मेरे गुरु पर पूर्ण विश्वास है। इसलिए मैंने यह समझ लिया कि मैं गुरु से जुड़ा हूआ हूं। इसलिए मेरा तो तूफान से बाल बांका भी नहीं हो सकता। अब रही बात तूफान की "मुझे यहां भेजकर वास्तव में गुरु ने इस स्धान को सुरक्षित किया था और उनकी यह योजना मुझे मालूम पड़ गई थी। इसलिए हम निश्चिंत थे।बच्चों का भी मेरे पर विश्वास था, मेरा मेरे गुरु पर विश्वास था। हमारा विश्वास ही हमारे ही विश्वास के आभामंडल को विकसित करता है। अब वह ड्राईवर बेफिक्र था। वह बोला , "आपके सानिध्य में मुझे आनंद आ रहा है "स्वामी जी द्वारा वर्णित..इस ब्रह्मांड में व्याप्त विश्वचैतन्य की इस अद्भूत और चमत्कारिक घटना को पढ़कर जो भी मैंने अपने आप में एहसास किया उसे शब्दशः अभिव्यक्त नहीं किया जा सकता । ऐसे आध्यात्मिक जीवंत गुरुवर और गुरुमां के श्रीचरणों में कोटि-कोटि वंदन और नमन।

"हिमालय का समर्पण योग भाग-6/124 

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