श्री गुरूशक्तिधाम का उद्देश्य
अब गुरूतत्व ने इसमें से भी मार्ग निकाला है। और यह गुरूशक्तिधाम की प्रेरणा हुई कि एक सद्गुरु अपनी शक्तीयाँ शरीर छोड़ने के पूर्व किसी स्थान पर स्थापित करें। और विश्व का कोई भी व्यक्ति , फिर वह किसी भी जाती , धर्म , देश , भाषा , रंग , या लिंग का हो , वह उस मूर्ति से आत्मसाक्षात्कार प्राप्त कर सके।
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