आध्यात्मिक ज्ञान तो अनुभूतियों पर आधारित
आध्यात्मिक ज्ञान तो अनुभूतियों पर आधारित होता है। जैसे-जैसे अनुभूतियाँ बढती जाएँगी, ज्ञान भी बढता जाएगा। ये अनुभूतियाँ शिष्य के समर्पण पर आधारित होती हैं। वह जितना समर्पित होता जाएगा, वह उतनी ही अनुभूतियाँ पाता जाएगा। इन सबके लिए जीवंत गुरु का सान्निध्य अत्यंत आवश्यक होता है।
हि.स.यो.३/२०३
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