साधना का धन

 अब तो गुरुदेव तक हम सब पहुँचे है , हम सभीकी साधना है । प्रत्तेक आत्मा ने अपने पूर्वजन्म में साधना की है फिर चाहे उसने ब्रह्मचारी रहकर साधना की , उसने सन्यासी बनकर साधना की , उसने गृहस्थ रहकर साधना की , किसी भी तरहसे साधना की , साधना का धन उसके पास था , साधना की संपदा उसके साथ थी । तभी वो  यहाँ तक पहुँच सका है । . . .

वंदनीय पूज्या गुरुमाँ जी  
गुरुपुर्णिमा २०१६





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