आपकी बात सच निकली , तूफान नहीं आया

हम बातें करते-करते नीचे आए तो देखा तो वह ड्रायवर गेट पर ही खड़ा हमारा इंतजार कर रहा था। उसने आकर ही मेरे पैर छुए बोला , आपकी बात सच निकली , तूफान नहीं आया। तूफान पाकिस्तान की ओर मुड़ गया है।  आप आपका परिचय दो। आप जो दिख रहे हो , वह आप हो नहीं। मैं अज्ञानी आपको पहचान न सका। मैं एक मुस्लिम हूँ और एक पीरबाबा को मानता हूँ लेकिन फिर भी मैं डर गया था। आपके माध्यम से ही मुझे मेरे पीरबाबा ने संकेत भी दिया था। आप साक्षात पीरबाबा के रुप मे ही मुझे मिले। आपको छोड़कर मैं  पास के हॉटल में जाकर छुप गया था। और जब रेडियो पर यह समाचार मिला कि तूफान पाकिस्तान की ओर चला गया तो मुझे आपकी बात याद आई कि दो तूफान एक साथ नहीं आ सकते हैं। मैं दौड़-दौड़ बाहर आया और आपकी ही राह देखते बैठा हूँ। आपके छोटे-छोटे बच्चों ने भी आप पर विश्वास किया और मैंने नहीं। मैंने उसके हाथ पकड़कर उसे समझाते हुए कहा , मैं भी गुरुमार्गी ही हूँ। और मेरा मेरे गुरु पर पूर्ण विश्वास है । इसलिए मैंने यह समझ लिया कि मैं गुरु से जुड़ा हुआ हूँ इसीलिए मेरा तो तूफान से बाल भी बाँका नहीं हो सकता।

भाग ६ - १२७/१२८/१२९

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