आत्मसाक्षात्कार

अपनी आत्मा का परिचय यानी आत्मसाक्षात्कार एक जिवंत प्रक्रिया है जो बिना जिवंत गुरू के संभव नहीं है। वे अपनी इच्छाशक्ति से , संकल्प से , स्पर्शमात्र से शिष्य की आत्मजागृति करा सकते हैं। आत्मसाक्षात्कार प्राप्त होने के बाद हमारी आत्मा ही हमारी गुरू बन जाती है। वही हमें जीवन में पल-पल मार्गदर्शन करती रहती है। जो योग्य है , वही होने देती है। जिसे आवश्यक नहीं समझती , नहीं होने देती है। इस प्रकार , आत्मसाक्षात्कार से जीवन का मैनेजमेंट संभव है।

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